JRD टाटा का बचपन से था हवाई सेवा शुरू करने का सपना

JRD टाटा का बचपन से था हवाई सेवा शुरू करने का सपना

सपनों की दुनिया में हर कोई देखता है। कुछ बनने या कुछ करने का हर किसी का अपना सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वह हर दिन मेहनत करते हैं। जेआरडी टाटा का भी ऐसा ही सपना था।

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सपनों की दुनिया में हर कोई देखता है। कुछ बनने या कुछ करने का हर किसी का अपना सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वह हर दिन मेहनत करते हैं। जेआरडी टाटा का भी ऐसा ही सपना था। जेआरडी टाटा देश के महान उद्योगपतियों में से एक हैं। उनका सपना देश के विकास का था, उन्होंने कड़ी मेहनत और संघर्ष कर अपना सपना पूरा किया।

JRD का मतलब जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा है। उनकी मां सूनी एक फ्रांसीसी नागरिक थीं। जेआरडी का जन्म भी पेरिस में हुआ था और वहां की नागरिकता प्राप्त की थी। फ्रांसीसी नागरिक बनने के लिए सेना में 1 वर्ष सेवा करना अनिवार्य था और वह वहां पढ़ाई के दौरान फ्रांसीसी सेना में भी शामिल हो गया था।

जेआरडी टाटा को बचपन से ही हवाई जहाज उड़ाने का शौक था। जब वे फ्रांस में पढ़ रहे थे, तब 15 साल की उम्र में उन्हें हवाई जहाज उड़ाने का मौका मिला। इस अनुभव ने उनमें एक नई इच्छा पैदा कर दी। इस इच्छा ने उन्हें भारत की पहली एयरलाइन, एयर इंडिया शुरू करने का सपना देखने के लिए प्रेरित किया। वह भारतीय भाषाओं में लिखने और बोलने में बेहतर थे और उन्हें भारत देश से बहुत प्यार था। फिर उन्होंने अपनी फ्रांसीसी नागरिकता त्याग दी और भारत लौट आए।

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