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कश्मीर पर जयशंकर के बयान से विवाद, पाकिस्तान ने तुरंत शांति की वकालत की

दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि वार्ता का दौर समाप्त हो चुका है तथा पाकिस्तान के साथ आगे कोई बातचीत नहीं होगी।

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पाकिस्तान ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जो उसके रुख में बदलाव का संकेत है। जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग समाप्त हो गया है, और भारत अब पाकिस्तान को उसी तरह से जवाब देगा, जैसा वह समझता है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, पाकिस्तान ने कश्मीर पर अपना रुख दोहराया है, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित मुद्दा करार दिया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के अनुसार हल किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर विवाद को किसी एक पक्ष द्वारा एकतरफा नहीं सुलझाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले को यूएनएससी के प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप संबोधित किया जाना चाहिए।

बलूच ने आगे इस बात पर प्रकाश डाला कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता प्राप्त करने के लिए इस लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाना महत्वपूर्ण है। कूटनीति और बातचीत के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि पाकिस्तान किसी भी आक्रामक कार्रवाई का दृढ़ता से जवाब देगा।

जयशंकर ने पाकिस्तान को दी चेतावनी

पिछले शुक्रवार को दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की तीखी आलोचना की। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ आगे कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में कोई भी बातचीत पाकिस्तान की समझ के अनुसार की जाएगी, जिसका अर्थ है कि वह अधिक मुखर रुख अपनाएगा। जयशंकर ने पाकिस्तान पर आतंकवाद का निर्यात करने का भी आरोप लगाया।

आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं रह सकते

जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा परिस्थितियों में पाकिस्तान के साथ सार्थक बातचीत असंभव है। उन्होंने उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ ही अब ध्यान पाकिस्तान के साथ भारत के भविष्य के संबंधों की प्रकृति पर है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की हर सकारात्मक या नकारात्मक कार्रवाई को तदनुसार संबोधित किया जाएगा। जयशंकर ने भारत के इस रुख को दोहराया कि लद्दाख सहित जम्मू और कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और आगे भी रहेगा।

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